इस विटामिन की कमी के कारण जोरों से धड़कता है दिल, जानें दिन में कितनी कितनी मात्रा लेने से दिल रहेगा दुरुस्त

विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण तब सामने आते हैं जब किसी व्यक्ति में विटामिन की कमी हो जाती है। विटामिन्स की कमी शरीर में असामान्य रूप से विशाल लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने लगती है, जिसके कारण शरीर सही तरीके से काम नहीं कर पाता है। शाकाहार का सेवन करने वाले शाकाहारी लोगों में विटामिन बी 12 की कमी का अधिक जोखिम होता है क्योंकि बी 12 का मुख्य स्त्रोत जानवरों से बनने वाले फूड अधिक होते हैं। कुछ स्वास्थ्य स्थितियां व्यक्ति को फूड से मिलने वाली बी12 को भी प्रभावित कर सकती हैं, जिसमें बहुत अधिक खून की कमी बेहद हानिकारक है। अगर कुछ समय तक विटामिन 12 की कमी का उपचार न किया जाए तो तंत्रिका तंत्र (nervous system), अस्थायी बांझपन और ह्रदय समस्याओं जैसी परेशानियां चिंता का सबब बन सकती हैं।


बहुत से लोगों को इस बात का पता ही नहीं है कि उन्हें उनकी डाइट से पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 12 मिल ही नहीं रहा है इसलिए इन जटिलताओं को रोकने के लिए इसके लक्षणों को पहचानना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। विटामिन बी-12 की कमी का एक लक्षण है, जो दूसरे से बेहद जुदा है और वह है दिल का तेज धड़कना। विशेषज्ञ कहते हैं कि शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम करने के लिए दिल तेज धड़कना शुरू कर देता है। दिल पर अधिक दबाव शरीर के भीतर रक्त की अधिक मात्रा को धकेलता है और उसे और तेजी से काम करने के लिए कहता है। यह प्रतिक्रिया शरीर का एक तरीका है, जिससे यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाती है कि शरीर के सभी प्रणालियों के माध्यम से पर्याप्त ऑक्सीजन प्रसारित हो और सभी अंगों तक पहुंचे।





आप अपनी नब्ज को पकड़कर भी धड़कन का पता लगा सकते हैं और गिन सकते हैं कि एक मिनट में आपका दिल कितनी बार धड़क रहा है। अगर आप फिट हैं तो आपके दिल की धड़कन सामान्य होगी। उदाहरण के लिए एथलीट का आराम की मुद्रा में हार्ट रेट 40 से 60 बीपीएम या इससे कम रहता है।  अगर आपको लगता है कि कई दिनों से आपका बीपीएम 120 से ऊपर है या फिर 40 से नीचे तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए हालांकि अगर आपका बीपीएम इसके बीच रहता है तो फिर आपके लिए सामान्य स्थिति है।


सामान्य धड़कन की जांच के लिए आपको जरूरत है कि नब्ज जांचने से कम से कम पांच मिनट पहले आराम जरूर करें। नब्ज जांचने के लिए आप अपने एक हाथ को पकड़ लें। पकड़े हुए हाथ को बिल्कुल ढीला नीचे की ओर छोड़ दे। उसके बाद अपनी तर्जनी उंगली को नीचे ले जाकर कलाई के पीछे रखें और बीच वाली उंगली से अपनी कलाई के ऊपरी हिस्से जहां आप घड़ी पहनते हैं उसे दबाएं। ऐसा करते वक्त अपने अंगूठे का प्रयोग न करें क्योंकि इसकी अपनी नब्ज होती है। उसके बाद अपनी स्किन को धीरे-धीरे तब तक दबाएं जब तक आपको अपनी नब्ज महसूस न हो। अगर आप पता नहीं लगा पा रहे हैं तो थोड़ा सा मजबूती से दबाएं और अपनी उंगली को हल्का-हल्का घुमाएं।


विटामिन 12 की कमी के अन्य लक्षण



  • बहुत ज्यादा थकान रहना।

  • ऊर्जा की कमी।

  • शरीर में किसी अंग पर सुईयां सी चुभना।

  • जीभ पर लालपन और दर्द होना।  

  • मुंह में छालें होना। 

  • मांसपेशी में कमजोरी। 

  • देखने में दिक्कत। 

  • मनोवैज्ञानिक समस्याएं, जिसमें अवसाद और भ्रम शामिल हो सकते हैं।

  • चीजों को याद रखने में परेशानी। 

  • बातें समझ न आना और फैसला लेने में दिक्कत।

    कैसे करें विटामिन बी 12 की कमी पूरी



    • ज्यादातर मामलों में विटामिन बी 12 की कमी को इंजेक्शन या दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है। इंजेक्शन के बाद आमतौर पर सप्लीमेंट दिए जाते हैं।  

    • अगर आपके डाइट से बी 12 की कमी जुड़ी हुई है तो आपको खाना खाने और नियमित रूप से इंजेक्शन लेने के बीच बी12 की गोलियां खानी होती हैं। 

    • आपको पूरी जिंदगी इस उपचार की जरूरत हो सकती है। 

    • फोलिक एसिड को गोलियां फोलेट लेवल को फिर से रिस्टोर करने के लिए प्रयोग की जाती हैं। ये आमतौर पर चार महीने तक ली जाती हैं। 

    • कुछ मामलों में डाइट में सुधार कर इस स्थिति का उपचार करने में मदद मिलती है और इसको फिर से होने से रोका जा सकता है। 

    • विटामिन बी 12 मीट, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद जैसे फूड से प्राप्त होता। 

    • ब्रोकली, ब्रुसेल्स स्प्राउट्स और मटर जैसी हरी सब्जियां फोलेट का समृद्ध स्त्रोत हैं। 

    • शाकाहारी लोगों को डेली सप्लीमेंट के रूप में विटामिन बी 12 की पर्याप्त मात्रा लेनी चाहिए। 

    • 19 से 64 साल की उम्र के बीच के लोगों को दिन में 1.5 माइक्रोग्राम विटामिन बी 12 लेना चाहिए।